बीजापुर >> एक्सप्रेस। बीजापुर में विवाद के एक मामले ने स्थानीय राजनीतिक महकमे को चौंका दिया है। दरअसल अति नक्सल प्रभावित इलाके में सड़क बनाने वाले स्थानीय ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने आरोप लगाया है कि वे अपना खुद का क्रेशर प्लांट स्थापित करने के लिए मशीनरी भेज रहे थे जब एक पूर्व कांग्रेसी नेता अजय सिंह ने सुरेश के कर्मचारियों को जान से मार देने की धमकी और गाली गलौच कर काम रोक देने को कहा है। बताया ये भी गया है कि अजय सिंह सुरेश चंद्राकर से पैसों की उगाही करना चाहते हैं और सारा मामला पैसों का ही है। मामले की शिकायत स्थानीय पुलिस से भी की गई है लेकिन पुलिस ने मामला ही पंजीबद्ध नहीं किया है। इस मामले पर ठेकेदार और व्यवसायी सुरेश चंद्राकर ने पत्रकारों के सामने अपनी समस्या रखी और अजय सिंह ने भी एक वीडियो जारी कर सुरेश चंद्राकर के आरोपों को निराधार बताया है।
सुरेश चंद्राकर बीजापुर के माता मराई समाज के अध्यक्ष हैं ठेकेदार भी हैं।
साथ ही कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी भी हैं। सुरेश अति माओवाद प्रभावित इलाके में एक सड़क बना रहे हैं और अब वे भैरमगढ़ में एक क्रेशर प्लांट लगाने जा रहे हैं। उन्होंने एक वीडियो पत्रकारों के साथ साझा करते हुए बताया है कि अजय सिंह ने उनके कर्मचारियों को बंदूक लेकर जान से मारने की धमकियां दी हैं और गाली गलौच की है। अजय सिंह पूर्व कांग्रेसी नेता हैं जिन पर बीते विधानसभा चुनावों से ठीक पहले तत्कालीन कलेक्टर ने जिला बदर की कर्रवाही की थी। यह कार्रवाई अजय सिंह पर तब की गई जबकि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों पर पीसीसी ने उन्हें 6 सालों के लिए कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
अजय सिंह ने उन दिनों स्थानीय विधायक विक्रम मंडावी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और मुखर होकर विक्रम मंडावी पर भ्रष्ट होने के दर्जनों आरोप लगाए थे। अजय सिंह पर कांग्रेस से बेदखली की कार्रवाई के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। ताज़ा मामला अजय सिंह और सुरेश चंद्राकर के बीच पनपे विवाद का है। इस विवाद को लेकर जहां सुरेश चंद्राकर ने अजय सिंह पर उनके कर्मचारियों के साथ धमकियों और गाली गलौच के आरोप लगाए हैं वहीं अजय सिंह के द्वारा सुरेश चंद्राकर से पैसों की उगाही की बात भी सामने आ रही है। सुरेश के इन आरोपों पर अजय सिंह ने भी एक बयान जारी करते हुए कहा है कि सुरेश चंद्राकर ने क्रेशर प्लांट के लिए शासन को गुमराह करने का काम किया है जिसकी शिकायत वे शासन से करने वाले थे।
वे कहते हैं कि अजय सिंह के द्वारा शिकायत किए जाने की बात सुरेश को पता चली है इसलिए सुरेश ने उन पर बेबुनियाद आरोप लगाने का काम किया है। इस मामले में जिस कर्मचारी के साथ धमकी और गाली गलौच की बात सुरेश कह रहे हैं वह एक आदिवासी युवक है। इस घटना की एफआईआर भैरमगढ़ थाने में दिए जाने के बावजूद पुलिस ने मामला पंजीबद्ध नहीं किया है जिस कारण सुरेश ने बीजापुर कलेक्टर अनुराग पांडे के नाम एक ज्ञापन लिखा और उसे पत्रकारों के साथ साझा भी किया है। इस मामले को लेकर माता मराई समाज में अजय सिंह के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है और सर्व आदिवासी समाज के एक प्रभावशाली सदस्य ने भी टिप्पणी की है कि अगर प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं लेता है तो सर्व आदिवासी समाज भी अजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल देगा।