◼️कलेक्टर एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों ने विधिवत पूजा-अर्चना कर अराध्य देव चिकटराज का किया स्वागत।

बीजापुर >> एक्सप्रेस। बीजापुर के अराध्य देव चिकटराज का आगमन तहसील कार्यालय में हुआ जिनका विधिवत पूजा-अर्चना कर कलेक्टर अनुराग पाण्डेय जिले की सुख समृद्धि एवं शांति के लिए कामना की। बस्तर अंचल के बीजापुर जिला सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से काफी समृद्ध है यहां की ऐतिहासिक विरासत अपने-आप में वृहद है। अपने अंदर विविध सांस्कृतिक धरोहर संजोए रखे हैं, यहां की समृद्ध शाली परंपरा ऐतिहासिक गौरव की गाथा लिखती है। ऐसे ही एक ऐतिहासिक परंपरा यहां अराध्य देव चिकटराज की है।
जिला मुख्यालय में विराजमान चिकटराज देव जो न सिर्फ बीजापुर के अराध्य है बल्कि वर्ष में एक बार वार्षिक अनुष्ठान के दौरान अंचल वासियों को दर्शन देती है ऐसी मान्यता है तीन दिवसीय वार्षिक अनुष्ठान के दरम्यान ही चिकटराज देव नगर के तहसील कार्यालय पहुँचते हैं। रियासत काल में राजकोष में वित्तीय व्यवस्था अर्न्तगत राजस्व कर इत्यादि के संग्रह के लिए खंजाची नाम व्यवस्था लागू थी राजा-महाराजा द्वारा जिसका समय-समय पर निरीक्षण किया जाता था। चूंकि अब रियासतों का दौर खत्म हो चुका है, उसकी जगह तहसील कार्यालय ने ले ली है।
परंपराअनुसार आज चिकटराज देव तहसील कार्यालय पहुंचे जहां कलेक्टर ने विधिवत पूजा-अर्चना किया एवं स्थानीय संस्कृति के संरक्षण में सहभागी बने अनुराग पाण्डेय जिले का पहला कलेक्टर है जिन्होंने इस रश्म में सहभागी बनकर स्थानीय परंपरा और रीति-रिवाज को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए उपस्थित हुआ। इस दौरान चिकटराज देव द्वारा खंजाची के रूप में रखे बक्सा का निरीक्षण किया गया। वार्षिक अनुष्ठान के द्वितीय दिन यह परंपरा निभाई गई। पूरे विधि विधान के साथ चिकटराज देव के साथ पुजारी मंदिर समिति और गणमान्य लोग तहसील कार्यालय में उपस्थित हुए। कल 23 अप्रैल को चिकटराज में भव्य मेला का आयोजन होगा जिसमें 27 देवी-देवताओं को आमंत्रण भेजा गया है मेले में देवी-देवताओं के प्रतीक चिन्ह के साथ ग्रामीण पहुंचेंगे।