मुठभेड़ में मारे गयें माओवादी गंगलूर एरिया कमिटी, कंपनी नम्बर दो & Militia कंपनी के सदस्यों की शिनाख्तगी कार्यवाही की जा रही है।
मुठभेड़ में माओवादियों का कैम्प ध्वस्त मुठभेड़ स्थल से इंसास रायफल, 12 बोर रायफल, बीजीएल लांचर सहित भारी मात्रा में हथियार एवं माओवादी सामग्री बरामद।
मुठभेड़ के दौरान दो डीआरजी जवानों को मामूली चोटें आईं, घायलों जवानों की हालत खतरे से बाहर और सामान्य है।
मुठभेड़ में कई और नक्सलियों के मारे जाने अथवा घायल होने की संभावना, आस-पास क्षेत्र में Re-enforcement teams द्वारा गश्त सर्चिंग अभियान जारी है।
बीजापुर >> एक्सप्रेस। पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ0 जितेन्द्र यादव द्वारा बताया गया कि 31 जनवरी को थाना गंगालूर क्षेत्र के तोड़का कोरचोली जंगल एरिया में प्रतिबंधित माओवादी संगठन अंतर्गत पश्चिम बस्तर डिवीजन के डीव्हीसीएम दिनेश, पीएलजीए कंपनी नंबर 02, पीएलजीए प्लाटून & Militia कंपनी के सशस्त्र माओवादियों केडर की उपस्थिति की सूचना पर डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा 202 एवं केरिपु 222 वाहिनी की संयुक्त टीम माओवादी विरोधी अभियान के लिए निकली थी। अभियान के दौरान 01 फरवरी को डीआरजी व एसटीएफ की संयुक्त पार्टी और माओवादियों के बीच प्रातः 08.30 बजे से संयुक्त टीम एवं माओवादियों के मध्य रुक रुक कर कई बार मुठभेड़ हुई।
मुठभेड़ के बाद अब तक सर्चिंग में 08 पुरुष माओवादियों के शव बरामद।
मुठभेड़ में मारे गयें माओवादी पश्चिम बस्तर डिवीजन के गंगलूर एरिया कमिटी, कंपनी नंबर दो & Militia कंपनी के सदस्यों होने की संभावना है तथा उनकी शिनाख्तगी कार्यवाही की जा रही है। मुठभेड़ में माओवादियों से इंसास रायफल, 12 बोर रायफल, बीजीएल लांचर सहित भारी मात्रा में हथियार एवं माओवादी सामग्री बरामद। मुठभेड़ में कई और नक्सलियों के मारे जाने अथवा घायल होने की संभावना। मुठभेड़ के दौरान दो डीआरजी जवानों को मामूली चोटें आईं। घायलों जवानों की हालत खतरे से बाहर और सामान्य है। क्षेत्र में अभी गश्त सर्चिंग अभियान जारी है।
पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुन्दरराज पी. द्वारा बताया गया।
वर्ष 2024 में नक्सल विरोधी अभियान में प्राप्त बढ़त को आगे बरकरार रखते हुये वर्ष 2025 में भी बस्तर संभाग अंतर्गत सुरक्षा बलों द्वारा प्रभावी रूप से प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादी संगठन के विरूद्ध नक्सल विरोधी अभियान संचालित किये जाने के परिणाम स्वरूप विगत 32 दिनों में कुल 33 हार्डकोर माओवादियों के शव बरामद किये गये। माओवादियों के तमाम साजिश एवं कायराना हरकतों के बावजूद भी सुरक्षा बल सदस्यों द्वारा मजबूत मनोबल एवं स्पष्ट लक्ष्य के साथ बस्तर क्षेत्र की शांति, सुरक्षा व विकास हेतु समर्पित होकर कार्य किया जा रहा है। विगत 04-05 दशकों से बस्तर क्षेत्र की शांति, सुरक्षा एवं विश्वास का दुश्मन बना हुआ है नक्सल संगठन अपना अंतिम सांस ले रहा है। क्षेत्र की जनता के जानमाल की रक्षा करने के दायित्वों का पुलिस व सुरक्षा बलों के सदस्यों द्वारा अपनी जान की परवाह न करते हुये पूर्ण समर्पित भाव से कार्य निर्वहन किया जा रहा है।